हमें यह मैकाले की नहीं, विश्वगुरु की शिक्षा चाहिए!
.आओ मिलकर इसे बनायें- तिलक
सुशिक्षा, शिक्षा,साक्षरता में अंतर- आकर्षक ब्लॉग। ग्रह, उपग्रह, और ब्रह्माण्ड विज्ञान के बारे में। तक्षशिला और नालंदा विश्व विद्यालयों को अग्नि की भेंट कर वो कहते हैं तुम अज्ञानी हो। पश्चिम की शिक्षा को ही कल्याण का मार्ग समझाया जाता है। सत्य हम जानते हैं। हमें यह नहीं, विश्व गुरु की शिक्षा चाहिए। - तिलक संपादक युगदर्पण. 07838468776, 9911111611, 9999777358.
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यह पढ़ाया जाता रहा है आपके बच्चों को.....!!!! 1. वैदिक काल में विशिष्ट अतिथियों के लिए गोमांस का परोसा जाना, सम्मान सूचक माना जाता...
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